Tuesday, 11 October 2011
Wednesday, 5 October 2011
navratri
अष्टमी आरती
या सखयानो या ग या या | घागर आपण घुमवू या |
करवीरवासिनीहीं संध्या समयी ती |पदतले नुपुरे ती मंगलरव करिती|
आली सदनी आदिमाया हो ऽ| कुरवंडी तिज ओवाळू या ||
पहिल्या प्रहराला दिसते सुकुमारी | दुसर्या प्रहराला नटली नववधूही |
विश्वाला खेळविते हो ऽ| साज लेवुनी सौभाग्याचा ||
तिसर्या प्रहराला शत्रू थरथरला | घागर घेवूनी मर्दी दैत्याला |
विश्वाला खेळविते हो ऽ| साज लेवुनी सोभाग्याचा ||
Monday, 3 October 2011
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